अतुल्य भारत की अतुल्य होली

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Last updated: Jul 17, 2017

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Do

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Eat

Gujarat: Traditional Gujarati thali and Ganga Jamuna (fresh mixed fruit juice)

Greetings

How are you?: Kem Cho?
How much is this?: Aano su bhav chhe?
Where's the toilet?: Sauchalay kya che?

Filmy

Bollywood blockbusters "Lagaan", "Highway" and "Refugee" were shot at the Great Rann of Kutch and have made it a favourite filming location among many directors

Safety

General Inquiry: 197
Police Control Room: 25623925, 25630100

Want To Go ? 
   

होली डर व उत्साह के मिले-जुले भावनाओं का त्योहार है, इसका विवरण पौराणिक कथाओं में भी मिलता है। होली, हर वर्ष वसंत में मनाई जाती है और इसे रंगों का त्योहार कहा जाता है। इस मौके पर भारत के हर शहर और गांव में आपको चमकीले रंग बरसते हुए मिलेंगे। होली के जरिए वसंत और अच्छी फसल की शुरुआत का जश्न भी मनाया जाता है। वसंत को दुनिया भर में सर्दियों की विदाई और नए मौसम की शुरुआत के रूप में देखा जाता है। होली का त्योहार, हार साल फाल्गुन महीने में पूर्ण चंद्रमा के दिन मनाया जाता है और इस साल होली 27 मार्च को मनाई गई।

वैसे, इस हिंदू त्योहार का महत्व फसली त्योहार से बढ़कर है और कई पौराणिक कथाओं में इसका विवरण मिलता है। एक मान्यता के अनुसार, राक्षस राजा हिरण्यकश्यप ने भगवान विष्णु की पूजा करने पर अपने पुत्र प्रह्लाद को दंड देने का फैसला किया औरअपनी बहन होलिका से प्रह्लाद को लेकर धधकती आग में बैठने के लिए कहा। होलिका को एक वरदान प्राप्त था कि आग उसे जला नहीं सकती। हालांकि, इस दौरान होलिका की मृत्यु हो गई और प्रह्लाद को कई नुकसान नहीं हुआ। इसलिए ज्यादातर लोग होली को होलिका दहन और प्रह्लाद के जीवित रहने का प्रतीक भी मानते हैं।

होली सिर्फ धार्मिक उत्सव ही नहीं बल्कि खुशी और मस्ती का भी त्योहार है। इस दिन बच्चे गांवों में एक-दूसरे पर खूब रंग डालते हैं। इस हिंदू त्योहार पर लोग होलिका जलाकर, होलिका के त्याग को भी याद करते हैं।

अतुल्य भारत के हर हिस्से में होली मनाने का अपना अनूठा तरीका है और हर तरीका, दूसरे से ज्यादा मनोरंजक लगता है। गुजरात में मक्खन से भरे मटके को ऊंचाई पर लटका दिया जाता है, जिस तक युवाओं की टोली पहुंचने की कोशिश करती है। इस कोशिश के दौरान लड़कियां उन पर रंगीन पानी और गुलाल फेंकती हैं। जो लड़का इस मटके को फोड़ने में कामयाब होता है, उसे ‘होली किंग’ की उपाधि दी जाती है।

भारत में दूसरी जगहों पर होली के दिन न सिर्फ सड़कें बल्कि हवा भी रंगों से सराबोर रहती हैं। उत्तराखंड के कुमायूं में इस त्योहार को संगीत के साथ मनाया जाता है, जिससे पूरा माहौल खुशनुमा हो जाता है। दिन में अलग-अलग समय पर अलग-अलग गीत संगीत बजता है। यानी जैसे-जैसे त्योहार आगे बढ़ता है अलग-अलग रंग देखने को मिलते हैं।

भले ही आप भारत में कहीं भी हों, होली ऐसा त्योहार है, जिसे सभी मनाते हैं और कोई भी इन रंगों से खुद को बचा नहीं पाता।

हालांकि, होली का एक दूसरा गंभीर पहलू भी है, जहां पर्यावरण की चिंताओं ने सिंथेटिक रंग की बजाय प्राकृतिक रंगों से होली खेलने के लिए प्रेरित किया है। हल्दी, चंदन, फूल और पत्तियों से तैयार प्राकृतिक हरे, लाल और गुलाबी रंग की खुशबू हवाओं में घुल जाती है। यह प्राकृतिक रंग त्वचा और पर्यावरण दोनों के लिए फायदेमंद होते हैं।

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