हरे-भरे बैकवाटर्स, सुंदर बीच और आर्किटेक्चर के शानदार नमूनों ने केरल को आज भारत के पर्यटन उद्योग का बेताज बादशाह बना दिया है। पांच प्रमुख राज्यों और अरब सागर में लक्षद्वीप, बंगाल की खाड़ी में अंडमान और निकोबार द्वीप समूहों के साथ दक्षिण भारत घूमने-फिरने के शौकीन लोगों को यात्रा के काफी विकल्प प्रदान करता है।

प्राकृतिक अजूबे:- दक्षिण भारत अपने सदाबहार हरियाली से लिपटे घने वन और यहां पाई जाने वाली विविध वनस्पतियों और जीवों की प्रजाति के लिए प्रसिद्ध है। यहां के जंगलों में अभी भी हाथियों और बाघों की सर्वाधिक आबादी पाई जाती है। अगर आपको वाइल्डलाइफ देखने का शौक है तो आप बांदीपुर, मुदुमलाई और पेरियार राष्ट्रीय उद्यानों में जाकर आसानी से इसका मज़ा ले सकते हैं। वहीं कोवलम, मैंगलोर और गोकर्णा में आप देश की सबसे खूबसूरत बीच की सैर कर सकते हैं।

बांदीपुर, मुदुमलाई राष्ट्रीय उद्यानों की जंगल सफारी: दक्षिण भारत की सैर इन दो राष्ट्रीय उद्यानों के ट्रिप के बिना अधूरी है। ऊटी के रास्ते में इन उद्यानों की सैर कर आप हाथी, हिरण, मोर, जंगली सूअर और नेवलों को उनके प्राकृतिक निवास में देख सकते हैं। ऐसे रोडट्रिप पर जाना न भूलें।
पांडिचेरी में एक आध्यमिक वीकेंड: आप भले ही कभी फ्रांस न गए हों लेकिन आप पांडिचेरी पहुंच कर फ्रांस की संस्कृति को करीब से देख और समझ सकते हैं। बहुत समय पहले पांडिचेरी फ्रांसीसी उपनिवेश हुआ करता था, आज भी फ्रांसीसी वास्तुकला की झलक यहां के प्रसिद्ध फ्रेंच क्वार्टर में देखी जा सकती है। अपने साथी के साथ यहां के ले कैफे में बिताई गई खूबसूरत रात आपके लिए यादगार बन जाएगी। जब आप यहां हों तब ऑरोविले की सुकून देने वाली आध्यात्मिक यात्रा पर जाना न भूलें।

इडली और डोसा: इडली दक्षिण भारत के प्रमुख व्यंजनों में से एक है। यह सामान्य रूप से भाप में पकाया गया स्पंजी केक है जिसे चावल और मसूर की दाल के घोल से बनाया जाता है और इसके बाद नारियल की चटपटी चटनी के साथ परोसा जाता है। वहीं डोसा करारा और पतला पैनकेक होता है, जिसे चावल और मसूर की दाल के घोल से तैयार किया जाता है। वैसे तो दक्षिण भारत के अलग-अलग हिस्सों में कई वैरायटी के डोसे का जायका लिया जा सकता है, लेकिन सबसे लोकप्रिय मसाला डोसा है। जिसमें अंदर मसालेदार आलू को मैश करके डाला जाता है और इसे नारियल की चटनी और सांभर के साथ परोसा जाता है। इडली और डोसा ऐसे व्यंजन हैं जो दक्षिण भारत के लगभग हर रेस्टोरेंट में जाते हैं।
उत्तपम और वड़ा: उत्तपम एक फ्राइड पैनकेक है जिसे चावल, मसूर की दाल और अच्छी तरह से कटी हुई ताजी हरी सब्जियों से तैयार किया जाता है। वहीं दूसरी तरफ वड़ा, फ्राई किया गया भारतीय डोनट है, जो मसालेदार और चटपटा व्यंजन है।
भात और सेवईं: भात आमतौर पर चावल की डिश होती है, जिसे अलग-अलग कॉम्बिनेशन में पकाया जाता है। इनमें से ज्यादातर को रायते (दही) के साथ परोसा जाता है। वहीं सेवईं चावल से तैयार नूडल्स है, जिसे ग्रेवी के साथ खाया जाता है। सेवईं और भात का स्वाद मछली करी के साथ लें। इनका कॉम्बिनेशन लाजवाब है।
चेट्टीनाड व्यंजन: यह भारत का सबसे मसालेदार और स्वादिष्ट व्यंजन माना जाता है। नमकीन सब्जियां, सन-ड्राइड मीट और विविध मसालों का ऐसा मेल कि खाने से आपका पेट भर जाएगा, लेकिन मन नहीं भरेगा। इसमें वेल्लई पनियारम, कंधरप्पम, मसाला सीयम और करुपट्टी पनियारम सबसे लोकप्रिय व्यंजन हैं।

दिसंबर-फरवरी: यह दक्षिण भारत की सैर का सबसे अनुकूल समय है। इस मौसम में ह्यूमिडिटी कम होती है और तापमान भी 22 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। वहीं दक्षिण भारत के हिल स्टेशन, जैसे कि केरल का मुन्नार इस दौरान भी ठंडा रहता है। ऐसे में हल्का जैकेट या स्वेटर साथ ले जाना एक अच्छा आईडिया है।
मई-अक्टूबर: इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने में आयुर्वेद ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मानसून के दौरान इसका प्रभाव अच्छा माना जाता है, जो कि मई से लेकर अक्टूबर तक होता है। वहीं अक्टूबर/नवंबर में अधिकांश दक्षिण भारतीय राज्य दशहरा और दीपावली को धूमाधाम से मनाते हैं। ऐसे में पर्वों का आनंद भी लिया जा सकता है।

हवाई जहाज से: देश में सर्वाधिक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे दक्षिण भारत में हैं, ऐसे में यह देश ही नहीं दुनिया से भी बहुत अच्छे से जुड़ा हुआ है। चेन्नई को दक्षिण भारत का प्रवेश द्वारा माना जाता है और छुट्टियां मनाने के लिए सबसे अच्छी जगह मानते हैं। चेन्नई के अलावा अन्य मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैदराबाद, बेंगलुरू, कोयंबटूर, कोच्चि, कोझिकोड, तिरुचिरापल्ली, तिरुवनंतपुरम में हैं। वहीं दक्षिण भारत के लगभग सभी प्रमुख शहरों से डॉमेस्टिक फ्लाइट भी उपलब्ध हैं।
कार से: दक्षिण भारत देश के स्टेट और नेशनल हाईवे से बहुत ही अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। जैसा कि आप जानते हैं, नए हाईवे पर टोल शुल्क लिया जाता है, ऐसे में कुछ खुले पैसे भी साथ लेकर चलें।
बसे से: अनेक प्राइवेट बस ऑपरेटर पूरे दक्षिण भारत में बस सेवा उपलब्ध कराते हैं। उनमें से कुछ ऑपरेटर गोवा और महाराष्ट्र तक की बस सेवाएं भी देते हैं। इसके अलावा सरकारी बस ऑपरेटर अपने स्मार्टफोन ऐप और संबंधित वेबसाइट से आपको बस के रूट और शेड्यूल के बारे में अपडेट करते रहते हैं। अगर आप आरामदायक, तनावमुक्त यात्रा करना चाहते हैं तो थोड़े अधिक पैसे खर्च कर निजी बस ऑपरेटर को चुनें।
ट्रेन से: दक्षिणी रेलवे, दक्षिणी-पश्चिमी रेलवे और कोंकण रेलवे दक्षिण भारत को शेष भारत से जोड़ता है। पूरी तरह से वातानुकूलित राजधानी ट्रेन कुछ ही घंटो में सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय कराती है। शताब्दी ट्रेन शहरों के बीच से गुजरती है और राज्य की राजधानियों को जोड़ती है। कुछ राज्यों में छोटी दूरी के लिए लोकल ट्रेन भी उपलब्ध हैं।

लोकल ट्रांसपोर्ट: साइकिल-रिक्शा, ऑटो-रिक्शा, बोट, टैक्सी, बस और ट्रेन दक्षिण भारत के प्रमुख शहरों के आसपास यातायात के साधन के रूप में उपलब्ध हैं। अलग-अलग शहरों के किराए भी भिन्न हो सकते हैं। ऐसे में वाहन की बुकिंग करने से पहले अच्छे से मोलभाव कर लें। कुछ चालक मीटर के हिसाब से चलने को तैयार नहीं होंगे। आप पहले से ही सामान और नाइट चार्ज की कर लें।
इसके अलावा साइकिल-रिक्शा और ऑटो-रिक्शा में अधिकतम तीन सवारी बैठने की जगह होती है। वहीं विक्रम और टेंपों में अधिक स्पेस होने की वजह से ऑटो-रिक्शा से अधिक सवारी बैठ सकती हैं। लेकिन अधिकांश शहरों में यह निर्धारित रूट पर ही चलते हैं।
टैक्सी: हालांकि टैक्सियों में आमतौर पर मीटर लगा होता है। लेकिन अधिकांश चालक टूरिस्ट से मीटर के हिसाब से पैसे न लेकर ज्यादा चार्ज करते हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि आप रेडियो टैक्सी को चुनें, जो की बड़े शहरों में उपलब्ध हैं। बस में सफर करना यात्रा का सबसे सस्ता विकल्प है। अगर आप आरामदायक सफर करना चाहते हैं तो प्राइवेट बस ऑपरेटर को चुनें।
बोट: दक्षिण भारत में काफी स्थानीय लोग नदियों में बोट और फेरी की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं। इसमें लकड़ी की छोटी बोट से लेकर बड़ी फेरी तक का विकल्प उपलब्ध है, इनमें से कोई विकल्प चुनकर आप आसानी से नदी पार कर सकते हैं या बैकवाटर्स का आनंद ले सकते हैं। इनमें से ज्यादातर बड़ी बोट आपकी बाइक, साइकिल और यहां तक की कार को भी बहुत साधारण किराए में ले जाएंगे।
क्या साथ ले जाएं:
दक्षिण भारत के बारे में ऊपर जो लिखा गया है, वह शायद इससे भी कई गुना खूबसूरत है। इसलिए योजना बनाकर आस्था, इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य के इस अनूठे संगम में एक डुबकी लगाकर जीवन की यादों में एक नायाब कड़ी और जोड़ लें।
Mayank Kumar Follow
Prefers Bukowski and Gulzar over Shakespeare and Tagore. And nights over daytime. Possesses wit that offends more than it impresses. Anti-social and friendly in the same breath. Miniature souvenir and stationery hoarder. Desperately trying to bring being nice in vogue.
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